भारत – नेपाल सम्बन्ध
परिचय
नेपाल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
समझौता ज्ञापन
संबंधों में बड़ी अडचनें
नेपाल
भारत के लिए नेपाल का महत्व
नेपाली सविंधान के प्रमुख बिंदु
नवीन संविधान का विरोध
नेपाल संविधान को लेकर भारत की प्रतिक्रिया
संविधान में संशोधन : वर्तमान स्थिति
नेपाल के पास अपार जल संसाधन
भारत की नकारात्मक छवि
परिचय
किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। भारत और नेपाल के बीच इतिहास , भूगोल , आर्थिक सहयोग , सामाजिक – सांस्कृतिक में घनिष्ठ संबंध है । दोनों देश खुली सीमाओं और लोगों के बीच रिश्तेदारी और संस्कृति के गहरे जुड़ाव के माध्यम से मैत्री और सहयोग का एक अनोखा रिश्ता निर्मित करते है ।
नेपाल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
नेपाल की सत्ता की बागडोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अपनी पहली विदेश यात्रा पर 23 अगस्त को चार दिन की भारत यात्रा आये | उत्तराखण्ड के साथ नेपाल के सामाजिक सांस्कृतिक सम्बंध हैं। सामरिक दृष्टि से भी भारत-नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का उत्तराखण्ड का भाग बहुत महत्वपूर्ण है। श्री देउबा की इस भारत यात्रा से भारत नेपाल के बीच 8 समझोतों पर हस्ताछर हुए | इनमें से चार नेपाल में भूकंप के बाद पुनर्निर्माण से संबंधित हैं |
समझौता ज्ञापन
1. 50,000 सदनों का पुनर्निर्माण करने के लिए भारत के आवास अनुदान
घटक के उपयोग के लिए रूपरेखा पर समझौता ज्ञापन।
2. नेपाल के शिक्षा क्षेत्र में भारत के पोस्ट-भूकंप के पुनर्निर्माण पैकेज के
अनुदान घटक के कार्यान्वयन पर समझौता ज्ञापन।
3. नेपाल के सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र में भारत के पोस्ट-भूकंप पुनर्निर्माण
पैकेज के अनुदान घटक के कार्यान्वयन पर समझौता ज्ञापन।
4. नेपाल के स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत के पोस्ट-भूकंप के पुनर्निर्माण पैकेज के
अनुदान घटक के कार्यान्वयन पर समझौता ज्ञापन।
5. ADB’s के SASEC रोड कनेक्टिविटी कार्यक्रम के तहत मेची ब्रिज के निर्माण के लिए
मूल्य शेयरिंग, अनुसूचियां और सुरक्षा मुद्दों पर कार्यान्वयन व्यवस्था के लिए समझौता ज्ञापन।
6. नशीली दवाओं, मनोवैज्ञानिक पदार्थों और प्री केमिकल
और संबंधित मामलों में अवैध मांग को रोकने और मादक द्रव्य की कमी पर समझौता ज्ञापन।
7. मानकीकरण और अनुकूलता के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
8. भारत के चार्टेड एकाउंटेंट्स संस्थान और नेपाल के चार्टेड अकाउंट्स
संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन।
संबंधों में बड़ी अडचनें
नेपाल ने आरोप लगाया था कि भारत उसके आंतरिक राजनितिक मामलों में दखल दे रहा है |
व्यापार असंतुलन
भारत , नेपाल के चीन के साथ बड़ते संबंधों से चिंतित है | चीन ने यूरेशियाई परिवहन गलियारे के साथ नेपाल को जोड़ने के लिए सिल्क रोड आर्थिक बेल्ट का दक्षिण एशिया में विस्तार करने के लिए कदम उठाया है |
नेपाल
नेपाल, (आधिकारिक तौर पर, संघीय लोकतंत्रीय गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलग्राम हिमालयी राष्ट्र है नेपाल के उत्तर में चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में भारत स्थित है। नेपाल की 81 प्रतिशत नागरिक हिंदू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व की प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है।
दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है।
भारत के लिए नेपाल का महत्व
. सामरिक महत्व : नेपाल भारत और चीन के बीच एक बफर राज्य है ।
. सीमा से लगे राज्यों विशेष रूप से बिहार और उतर प्रदेश के सामाजिक – आर्थिक विकास में ।
. आंतरिक सुरक्षा : नेपाल और भारत साथ में लंबी सीमा साझा करते है । नस्लवादियों और नेपाल में माओवादियों के बीच संबन्ध देखा गया है ।
. लगभग 30 लाख नेपाली भारत में कार्यरत है , जिसमे लगभग 50 हजार सैनिक भी शामिल है ।
. चीनी रेशम मार्ग परियोजना के हिस्से के रूप में सड़क और रेल लिंक का निर्माण करने की योजना बना रहे है ।
नेपाली सविंधान के प्रमुख बिंदु
. संघीय धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र
. नेपाल का संविधान अधिकार पद्धति पर आधारित है ।
. सामाजिक तथा आर्थिक अधिकारों को मूलभूत अधिकारों की संज्ञा दी गई है ।
. म्रत्यु दंड का निषेध किया गया है ।
. दलितों , विकलांगों , समलैंगिकों आदि के अधिकारों के बारे में भी प्रावधान किए गए है
नवीन संविधान का विरोध
. नेपाल के तराई क्षेत्र में मधेशी समुदाय ने इस नये संविधान का तीव्र विरोध किया ।
. सात प्रान्तों में मात्र एक प्रभाग में ही मैदानी लोगों का बहुमत है ।
नेपाल संविधान को लेकर भारत की प्रतिक्रिया
. सामानुपातिक समावेशीकरण पहाड़ी क्षेत्र की अनेक अगड़ी जातियों को भी आरक्षण का लाभ प्राप्त हो गया है । यह सकारात्मक विभेद के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है ।
. वर्ष 2007 के अंतरिम संविधान लागू करने के वक्त जो वादे नेपाल ने भारत से किए थे , उनको इस नए लोकतांत्रिक संविधान में नजर अंदाज कर दिया गया है |
संविधान में संशोधन : वर्तमान स्थिति
. निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन आयोग ( अनुच्छेद 286 ) संघीय कानून के अनुसार 165 निर्वाचन क्षेत्र ( अनुच्छेद 84 ) का निर्धारण करते समय पहली प्राथमिकता जनसंख्यां को तथा दूसरी भोगोलिक अवस्थिति को देगी ।
. अधिक समावेशी सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए यह अनुच्छेद 42 को भी शामिल करता है |
नेपाल के पास अपार जल संसाधन
संयुक्त राष्ट्र ने भी इस बंदरगाह विहीन हिमालयी देश के बारे में कहा कि एशिया में नेपाल ऐसा राष्ट्र है जहां प्रति व्यक्ति जल संसाधन सबसे ज्यादा है । आंकड़ों के अनुसार नेपाल के पास प्रति व्यक्ति 7,372 घन मीटर रिन्यूएबल यानी अक्षय जल संसाधन होने का अनुमान है । तथा नेपाल के पास 83000 मेगावाट पनबिजली पैदा करने का जल संसाधन है , यदि वह इसका आंशिक रूप से भी दोहन कर लेता है तो वह बिजली का बड़ा निर्यातक बन सकता है । जल संसाधन का दोहन न करने के कारण बिजली की जबरदस्त किल्लत का सामना करने के साथ ही सिंचाई और पीने के पानी की कमी से भी मजबूर है ।
भारत की नकारात्मक छवि
चीन अप्रत्यक्ष तौर पर नेपाल में भारत विरोधी माहौल बनाने की कोशिश भी कर रहा है और पुराने मुद्दों को हवा देकर अपने पक्ष में माहौल तैयार कर रहा है । 2015-16 में जब काठमांडू , भारत की ओर से लगाई नाकेबंदी से गुजर रहा था तब चीन ने 59 मिलियन डॉलर का निवेश करने का वादा किया था ।
पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप के बाद नेपाल के पुनर्निर्माण में भारत के साथ – साथ चीन ने भी अपनी बड़ी भूमिका की पेशकश की , नेपाल को भी इन दोनों की जरूरत है । चीन की कोशिश नेपाल में लगातार अपने प्रभाव को बढ़ाने की है जबकि नेपाल में चीन के प्रभाव को लेकर भारत की अपनी चिंताएं रही है भारत के दखल देने पर उसे नेपालियों की राष्ट्रवादी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा । माओवादी , वामपंथी और राष्ट्रवादियों ने मिलकर नेपाल में भारत की नकारात्मक छवि बना दी है ।
नेपाल में भारत के निवेश की बात करे तो भारत में बहने वाली कई नदियों का उदगम नेपाल में है । इसके बावजूद नेपाल भारत से बिजली आयात करता है , भारत ने नेपाल और भूटान के साथ जल संबंधि कई समझौते किए । 2015-16 में भारत ने कुल 18 मिलियन डॉलर का निवेश कर तीसरे स्थान पर था ।
भारत 50-70 मिलियन डॉलर की मदद हर साल नेपाल को देता है । वित्त वर्ष 2014-15 में नेपाल में 600 मिलियन डॉलर के विदेश निवेश के समझौते हए थे । लेकिन अगले वर्ष राजनीतिक अस्थिरता के चलते यह आंकड़ा 140 मिलियन डॉलर ही रहा , इसी दौरान चीन का निवेश तेजी से बढ़ा । इसी के साथ पिछले वर्ष नेपाल ने भारत को द्विपक्षीय विकास की लिस्ट से पहली बार बाहर कर दिया था । उसने इस लिस्ट में अमेरिका , ब्रिटेन , जापान , चीन और स्विट्जरलैंड को शामिल किया था ।